भारतीय शेयर बाजार पांचवें लगातार सत्र में गिरा, Nifty 25,000 के नीचे स्लाइड हुआ और निवेशकों ने लगभग ₹9 लाख करोड़ का नुकसान झेला। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने $21 बिलियन की भारी निकासी की, जिससे बाजार में दबाव बढ़ा। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएँ, यूएस डॉलर की ताक़त और घरेलू नीति‑संकट ने इस गिरावट को तेज़ किया। वित्तीय सेवाएँ और आईटी सेक्टर सबसे अधिक प्रभावित हुए। RBI और SEBI ने स्थिति को स्थिर करने के लिए कई कदम उठाए हैं।
आयकर विभाग ने आयकर रिटर्न की फाइलिंग डेडलाइन 15 से 16 सितंबर तक बढ़ा दी। यह कदम तकनीकी गड़बड़ियों और नए फॉर्म अपडेट से जुड़ा है। ऑडिट वाले मामलों की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर है, पर विशेषज्ञ इसे 30 नवंबर तक बढ़ाने की बात कर रहे हैं। देर से फाइलिंग पर जुर्माना और ब्याज दोनों लागू होते हैं।
इनॉक्स विंड के शेयरों में 13 अगस्त 2024 को 5% की बढ़ोतरी हुई, जब उन्होंने 52-सप्ताह का उच्चतम स्तर छुआ। कंपनी के पहली तिमाही के मजबूत परिणामों के बाद शेयरों में यह उतार-चढ़ाव देखा गया। आंकड़ों के अनुसार, ऑपरेटिंग मार्जिन 21.3% था और समेकित शुद्ध लाभ (PAT) 518 मिलियन रुपये दर्ज किया गया।